गुरुवार, 2 अप्रैल 2015

#‎बेफिक्रमन‬ इत्तफाक से तुम्हें ढूँढते-ढूँढते जिससे डर था उसी से टकरा गया इसी से बेफिक्र मन को यह एहसास हुआ की यह तो मेरी गली से निकलने वाला ही चौराहा है|

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