जज्बात
शुक्रवार, 8 मई 2015
पसंद की तो मौत भी नहीं मिलती!
हर रोज मरता है,
मरे भी क्यों नहीं,
गरीब है|
भूखे पेट मरने से अच्छा है,
सलमान की कार के नीचे मरता,
नाम हो जाता, गुमनाम मौत नहीं मिलती|
मगर अफ़सोस गरीबों को मौत भी मर्जी की नहीं मिलती
खेद, सलमान अब कार नहीं चलाते|
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